टेक्नोलॉजी
5 Benefits of Reducing Screen Time for Mental Health – मेन्टल हेल्थ और स्क्रीन टाइम में सम्बन्ध
5 Benefits of Reducing Screen Time for Mental Health: हम जिस डिजिटल युग में रह रहे हैं, उसमें स्मार्टफोन और लैपटॉप/ डेस्कटॉप की स्क्रीन से उचित दूरी बनाये रखना बहुत ही मुश्किल और चुनौतीपूर्ण है। स्मार्टफोन, लैपटॉप और नई नई तकनीक हमारे दैनिक जीवन को प्रभावित करते हैं।
स्मार्टफोन से लेकर लैपटॉप तक, हमारा जीवन लेटेस्ट तकनीक को इस्तेमाल करने में ही बीतता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसका आपके मानसिक स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है? इस लेख में, हम मानसिक स्वास्थ्य के लिए स्क्रीन समय
कम करने के कुछ प्रमुख लाभों को बताने का प्रयास करेंगे।
5 Benefits of Reducing Screen Time for Mental Health
1. अच्छी और भरपूर नींद
अच्छी नींद हमारे मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाती है। बहुत अधिक स्क्रीन टाइम, खासकर सोने से पहले, हमारी नींद को डिस्टर्ब करता है, जिससे हमारी नींद पूरी नहीं होती है और हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। स्क्रीन एक्सपोज़र को कम करने से हमारे दिमाग को आराम करने के लिए भरपूर समय मिलता है, जिससे रात में अधिक शान्ति के साथ अपनी नींद को पूरा कर सकते हैं।
सोने से पहले विकल्प के तौर पर अन्य गतिविधियों, जैसे किताब को पढ़ना या रिलैक्सेशन एक्सरसाइज को अपनाने से हमें अच्छी नींद आ सकती है।
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2. तनाव में कमी
लंबे समय तक स्मार्टफोन और लैपटॉप स्क्रीन का उपयोग करने से तनाव का स्तर बढ़ सकता है। स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी नींद लाने में मददगार हार्मोन “मेलाटोनिन” के बनने की प्रक्रिया को बाधित करती है, जिससे नींद के पैटर्न में गड़बड़ी होती है और हमारा तनाव का स्तर बढ़ जाता है।
स्क्रीन पर बिताए जाने वाले समय को कम करके, विशेष रूप से सोने से पहले, हमको शांति के लिए जरूरी माहौल तैयार करने की विशेष जरूरत है। सोने का एक निश्चित समय सेट करके हम अपनी दिनचर्या को अच्छा बना सकते हैं और अपनी क्षमता का सही उपयोग कर सकते हैं।
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3. सीखने की क्षमता में वृद्धि
जब हम लगातार मोबाइल या लैपटॉप की स्क्रीन का इस्तेमाल करके इंटरनेट से कुछ ना कुछ पढ़ते या जानने की कोशिश करते है तो यह जरूरी नहीं होता है कि हमारा दिमाग उस जानकारी को इस्तेमाल में लाए ही। स्क्रीन के लंबे समय तक उपयोग से बहुत अधिक जानकारी स्टोर हो जाती है, जिससे हमको मानसिक थकावट हो जाती है और हम उन जानकारियों का सही उपयोग नहीं कर पाते हैं।
हमको जानबूझकर स्क्रीन टाइम कम करना चाहिए जिससे हमारे दिमाग को आराम करने और अच्छी तरह से काम करने में मदद मिल सके। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में यह कर पाना थोड़ा मुश्किल है , परन्तु यदि हम ऐसा नहीं करेंगे तो इसका सीधा असर हमारे दिमाग पर पड़ता है और एक समय के बाद हम मानसिक रूप से बीमार हो जाते हैं।
इसके लिए हमें हर 1 से 2 घंटे के बीच में 15 -20 मिनट का ब्रेक लेना , बाहर घूमना, किताब पढ़ना, आँखों को पानी से धुलना और अन्य गतिविधियाँ थोड़ी देर के लिए करना चाहिए जिसमे हम स्क्रीन को ना देखें। ये सभी उपाय बेहतर मानसिक स्वास्थ्य में मदद करते हैं और हमारी दिमागी क्षमता को बढ़ाने का कार्य करते हैं।
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4. पॉजिटिव भावनाएँ एवं मानसिक प्रसन्नता
बहुत अधिक स्क्रीन समय के उपयोग से चिंता और तनाव के बढ़ते जोखिम के खतरे बहुत ज्यादा हैं। हमें अपने दिमाग को और ऊर्जावान बनाने के लिए तनाव के स्तर को कम करने पर विशेष ध्यान देना होगा। विशेष रूप से, सोशल मीडिया का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल हमारे दिमाग में नकारात्मक भावनाओं को तेज़ी से फैलाता है, जिसके कारण आज कल का युवा वर्ग बहुत ही जल्दी तनाव ग्रस्त हो जाता है।
स्क्रीन पर कम से कम समय बिताने से हमारी सोचने, किसी विचार को समझने की क्षमता में वृद्धि होती है और हम अपने दिमाग का बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर पाते हैं। कुछ एक्टिविटीज, जैसे हमारे शौक या बाहरी खेलों में भाग लेने से, छोटे बच्चों के साथ समय बिताने से, अच्छी और मनोरंजक कहानियाँ पढ़ने से हम खुद के मूड को बदल पाते हैं और हमें खुश रहने में मदद मिलती है।
जब हम खुश रहते हैं तो हमें तनाव का शिकार नहीं होना पड़ता हैं जो हमारे दिमाग को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है।
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5. हमारी एकाग्रता और काम के प्रति समर्पण
स्मार्टफोन पर लगातार नोटिफिकेशन, ईमेल और सोशल मीडिया का इस्तेमाल हमारी काम करने की एकाग्रता को डिस्टर्ब करता है, जिसके कारण हम अपना डेली का काम सही तरीके से नहीं कर पाते हैं। अगर हम अपने मोबाइल के नोटिफिकेशन्स को एक लिमिट में सही तरीके से मैनेज करलें तो हम अपने काम को अच्छी तरह से कर सकते हैं।
बार-बार स्क्रीन को चेक करते रहने के कारण हम किसी एक काम पर फोकस नहीं कर पाते हैं। जबकि हमको एक बार में एक ही काम पर अपना ध्यान और दिमाग लगाना चाहिए। ऐसा करने से हम उस काम को सही तरीके से कर पाते हैं और अपने समय की बचत भी हो जाती है। आज के डिजिटल युग में मल्टीटास्किंग करना बहुत जरूरी हो गया है परन्तु इसका सीधा असर हमारे दिमाग पर पड़ता है और मल्टीटास्किंग करने से बहुत ही जल्दी हम तनाव से ग्रस्त हो जाते हैं।
इसीलिए हमें मल्टीटास्किंग की बजाय एक बार में एक ही काम को प्राथमिकता देनी चाहिए। ऐसा करने से हम उस एक काम को पूरी ईमानदारी से और पुरे फोकस से कर सकते है और उसको एक बार में ही ख़त्म क्र सकते हैं। मल्टीटास्किंग करने से हमको एक ही काम को कई बार में पूरा करना पड़ता है क्यूकि हमारा ध्यान सिर्फ एक काम पर फोकस नहीं होता।
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संक्षेप में हम ये कह सकते हैं कि, स्मार्टफोन या लैपटॉप पर कम समय बिताने से हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर एक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसमें कुछ लाभ स्पष्ट हैं, जिनमें तनाव कम होता है। हमारी नींद बेहतर होती है, जिससे हमको किसी काम को करने में ध्यान एकाग्र करने में मदद मिलती है।
आज के डिजिटल युग में हमको कुछ समय प्रकृति के साथ, परिवार के साथ, बच्चों के साथ बिताना चाहिए, जिससे हम अपने दिमाग को स्थिरता दे सके और इस आधुनिक समय में भी शांति का अनुभव कर सकें।
यह लेख लेखक के खुद के विचार हैं। किसी भी प्रकार की आपत्ति होने पर हमें contact us पेज से संपर्क करें।
और पढ़े: 5 things to do to Wake Up Early – सुबह जल्दी उठने के लिए 5 जरूरी बातें
टेक्नोलॉजी
Delhi Pollution Lockdown Latest News: दिल्ली के कई इलाको में AQI लेवल 500 के पार, राजधानी में लॉकडाउन लगने के आसार।
Delhi Pollution Lockdown Latest News: देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने दिल्ली में लॉकडाउन (Delhi Pollution Lockdown) लगाने के असार बताये हैं। दिल्ली के कई इलाकों में हर तरफ केवल धुंध ही धुंध छाया हुआ है। देश की राजधानी दिल्ली में भयानक प्रदूषण के चलते दिल्ली की हवा इस कदर खराब हो चुकी है कि बच्चों और बुजुर्गों के लिए सांस लेने में कठिनाई जैसी स्थिति होने लगी है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते दिल्ली के कई बड़े इलाकों में AQI लेवल 500 के पार पहुंच गया है दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने GRAP 4 की पाबंदियां लगाई है जिसके तहत ट्रकों की एंट्री पर रोक, सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों की एंट्री, 9वीं तक के स्कूल बंद, ऑनलाइन पढ़ाई और वर्क फ्रॉम होम, निर्माण कार्य पर अस्थाई रोक, इत्यादि जैसे प्रदूषण रोकथाम के उपाय किए गए हैं।इन तमाम उपायों के अलावा सड़कों पर गाड़ियों के लिए odd- even फॉर्मूले पर भी काम किया जा सकता है।
Delhi Pollution Lockdown Latest News: दिल्ली वासियों के लिए भारी पड़ रहा प्रदूषण का कहर।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते (Delhi Pollution Lockdown) दिल्ली के लोगों को बहुत से स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं हो रही हैं। कई डॉक्टरों का कहना है कि दिल्ली की हवा में सांस लेने वाले लोगों को 50 सिगरेट के सेवन जितना नुकसान पहुंचा रहा है। सूखी खांसी, आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानियां लेकर बहुत से लोग अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।
Delhi isn’t just breathing air—it’s chain-smoking 40 cigarettes a day! 🚬
Air pollution has become the nation’s most unwanted addiction.#AirPollution #pollutioncontrol pic.twitter.com/fYVBQkHvs8
— Chintan Chheda (@chintanchheda) November 18, 2024
इन परेशानियों को मद्देनजर रखते हुए डॉक्टरों की सलाह है कि सुबह के समय टहलने या वॉकिंग करने वाले लोग घर के बाहर बिल्कुल भी न निकलें और अगर किसी परिस्थिति में बाहर निकलना पड़े तो N95 मास्क का प्रयोग करें। इतना ही नहीं बच्चों और बुजुर्गों के बाहर निकलने पर पूरी तरह से रोक लगा दिया गया है।
15 से ज्यादा जगहों पर AQI लेवल 500 के पार।
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण बेहद ही खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है ठंड बढ़ने के साथ-साथ दिल्ली की हवा जहरीली हो गई है। ऐसे में दिल्ली सरकार द्वारा कई सारे उपाय करने के बावजूद भी दिल्ली के प्रदूषण स्तर में सुधार की कोई भी स्थिति नहीं हो रही है।
इतना ही नहीं आपको बता दें दिल्ली का प्रदूषण स्तर इस हद तक बढ़ गया है कि दिल्ली के 15 से ज्यादा इलाकों में AQI लेवल 500 के पार पहुंच गया है।
It’s not the Bhopal of 1984,
It’s not the Chernobyl of 1986,
It’s the Gurgaon of 2024 !!
It’s India’s capital New Delhi.#DelhiNCR #DelhiAirCrisis #DelhiAirPollution #Delhi #Panjab pic.twitter.com/ollVtWfVq7 pic.twitter.com/E0ikyExNCI
— Mahendra Singh (@mahendra_123_) November 18, 2024
आपको बता दे सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को सख्त नियम लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही दिल्ली में 12वीं तक के स्कूलों की पढ़ाई को पूरी तरह से ऑनलाइन चलाने के निर्देश भी सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं।
दिल्ली की हवा लगातार खराब हो रही है और लोगों की सांसों पर खतरा मंडरा रहा है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में खतरा और भी बढ़ सकता है।
Image: Twitter
जानें मार्गशीर्ष संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त और कथा
संस्कृति एक ब्लॉगर हैं। संस्कृति को ऑटोमोबाइल, फैक्ट्स, लाइफस्टाइल और ट्रेवल से जुडी पोस्ट लिखना पसंद है।
टेक्नोलॉजी
Reliance and Nvidia Partner for AI Infra: फेमस कंपनी Nvidia ने मिलाया रिलायंस से हाथ, भारत में डेवलप होगा एडवांस्ड एआई इंफ़्रास्ट्रक्चर
Reliance and Nvidia Partner for AI Infra: कंप्यूटर ग्राफिक्स और गेमिंग की दुनिया में बेहद पॉपुलर कंपनी Nvidia के सीईओ भारत दौरे पर हैं। अपनी भारत यात्रा में उन्होंने कई टेक कंपनियों के फाउंडर से मुलाकात की।
इसी बीच रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी और Nvidia के सीईओ जेन्सेन हुआंग ने भी एक दूसरे से मुलाकात की। इस मुलाकात में एनवीडिया के सीईओ ने रिलायंस के साथ मिलकर भारत में एआई इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करने पर भी बात की। आने वाले समय में भारत में AI हब बनाने पर दोनों कंपनियां एक दूसरे की मदद करने को तैयार हैं।
Reliance and Nvidia Partner for AI Infra: Nvidia और रिलायंस की मदद से भारत में डेवलप होगा एआई इंफ़्रा
कैसे बनेगा एआई हब
कंप्यूटर गेमिंग में इस्तेमाल होने वाले ग्राफिक्स कार्ड और चिप बनाने वाली कंपनी Nvidia भारत में अपना व्यापार बढ़ाने के लिए ही यहां AI हब डेवलप करने पर कई कंपनियों से बात कर रही है। रिलायंस इंडस्ट्री के साथ उनकी डील होने की पूरी संभावना है।
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Nvidia सीईओ ने की तारीफ
Nvidia के सीईओ जेन्सेन ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत में कंप्यूटर गेमिंग इन दिनों तेजी से बढ़ रहा है। इसके अलावा वर्तमान में सबसे ज्यादा टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट भारत में ही मौजूद हैं, जो एक बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बहुत ही लाभकारी है।
Reliance and Nvidia Partner for AI Infra: उन्होंने कहा कि अगर यहां पर एआई इंफ्रा को डेवलप किया जाय तो बाहर से कुछ लाने की जरूरत नहीं है। वर्तमान समय में भारत में वह सारी सुविधाएं हैं जिससे यहां इंफ्रा डेवलप भी हो सकता है और यहां के लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा।
रिलायंस के साथ हुई है डील
Nvidia के सीईओ के साथ बात चीत में रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि अब समय तेजी से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तरफ जा रहा है। ऐसे में भारत में भी ऐसे इंफ्रा को डेवलप करने की जरूरत है जो टेक्नोलॉजी में दुनिया के साथ कदम से कदम मिला सके।
वर्तमान में जियो के पास सबसे अधिक यूजर का डेटा मौजूद है। अब इसका इस्तेमाल बेहतर भविष्य के लिए एक एआई इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करना हमारी प्राथमिकता है। आने वाले कुछ वर्षों में भारत में AI के क्षेत्र में भी कई महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं।
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है Nvidia
ताइवान में जन्मे जेन्सेन हुआंग ने 1993 में कंपनी की स्थापना की। धीरे धीरे Nvidia ने कंप्यूटर में इस्तेमाल होने वाले ग्राफिक्स चिप को बनाना शुरू किया। अपने पावरफुल ग्राफिक्स चिप के कारण ही यह गेमिंग इंडस्ट्री में हर गेमर की पहली पसंद है। (Reliance and Nvidia Partner for AI Infra)
ग्राफिक्स चिप के साथ साथ Nvidia कंपनी ने कई देशों में बड़े बड़े डेटा सेंटर भी खोले हैं। इसके अलावा कंपनी अब ग्राफिक्स में एआई को भी यूज कर रही है। इससे चिप और भी ज्यादा पॉवरफुल हो गई है।
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लेटेस्ट टेक्नीक का हो रहा इस्तेमाल
सीईओ जेन्सेन के अनुसार कंपनी अब अपने ग्राफिक्स और अन्य सेंसर्स में एआई और मशीन लर्निंग जैसी लेटेस्ट टेक्नीक का इस्तेमाल कर रही है। इससे चिप ज्यादा पॉवरफुल और एफिशिएंट हो गई है।
दूसरी सबसे ज्यादा वैल्युएशन वाली कंपनी
Reliance and Nvidia Partner for AI Infra: माइक्रोसॉफ्ट के बाद एनवीडिया दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा मार्केट वैल्यू वाली कंपनी बन गई है। इसने एप्पल को भी पीछे छोड़ दिया है। वर्तमान में Nvidia का मार्केट कैप लगभग 250 लाख करोड़ का है।
वहीं पहले नंबर पर रहने वाली माइक्रोसॉफ्ट का मार्केट कैप लगभग 260 लाख करोड़ का है। जिस तेजी से एनवीडिया पूरे विश्व में काम कर रही है, जल्द ही यह वैल्युएशन के मामले में माइक्रोसॉफ्ट को पीछे छोड़ सकती है।
कई टेक कंपनियों के साथ कर रही है काम
सीईओ जेन्सेन हुआंग ने इंटरव्यू में बताया कि कंपनी भारत में कई बड़े टेक कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही है। इनमें इन्फोसिस, टेक महिंद्रा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा ग्रुप की टीसीएस के अलावा विप्रो जैसी कंपनियां शामिल हैं। सभी कंपनियों का मेन फोकस भारत में AI इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करना है।
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आशीष ने कुछ समय पहले ही ब्लॉग लिखना शुरू किया है। इनकी टेक्नोलॉजी, बिज़नेस, लाइफस्टाइल, ट्रैवेल और ट्रेंडिंग पोस्ट लिखने में काफी दिलचस्पी है।
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January 30, 2024 at 5:54 PM
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