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10 Unknown Facts About Tigers – बाघों के बारे में 10 अनोखे फैक्ट्स
10 Unknown Facts About Tigers: बाघ हमारे इको – सिस्टम को सही बनाये रखने में एक अभिन्न भूमिका निभाते हैं। ये प्राकृतिक रूप से हमारी नदियों, जंगलों और विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों की रक्षा करते हैं और मानव जीवन और प्रकृति में सामंजस्य बनाते हैं। टाइगर की ताकत, तेजी , फुर्ती और सुंदरता हम सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। बाघों पर हुए इतने सारे अध्ययन और शोध के बावजूद, हम उनके जीवन के बारे में नई जानकारियाँ खोजना जारी रखते हैं। प्राचीन हिंदू कहानियों में, बाघ देवी दुर्गा के आगमन और उनकी राजसी सवारी के रूप में जाना जाता रहा है। बाघ एक दुर्लभ जानवर है जो हमारे इको – सिस्टम को सही बनाये रखने के लिए आवश्यक है।
राजसी जानवर होने की वजह से पुराने समय से इसका शिकार होता रहा है। इसका परिणाम यह हुआ कि यह विलुप्त होने की कगार पर पहुँच गया। परन्तु सरकारों के अथक प्रयासों के बाद अब बाघों की संख्या में सुधार देखा जा सकता है। बाघों को अक्सर सबसे सुंदर लेकिन क्रूर जानवरों में से एक माना जाता है और शायद यही एकमात्र कारण भी है जो उन्हें और भी इंट्रेस्टिंग जानवर बनाता है। हम लोगो को इस जीव को देखना और वाइल्ड लाइफ सफ़ारी करना अच्छा लगता है, लेकिन सवाल यह है कि हम टाइगर के बारे में कितनी अच्छी तरह जानते हैं?
हमें उम्मीद है, आप इस ब्लॉग के माध्यम से उनके बारे में कुछ नया जानेंगें जिसमे हमने बाघों के बारे में कुछ फैक्ट्स बताने का प्रयास किया है।
10 Unknown Facts About Tigers
1. टाइगर पेड़ों पर चढ़ सकते हैं।
आपने सही पढ़ा। टाइगर बहुत ही आसानी से पेड़ों पर चढ़ सकते हैं लेकिन वे ऐसा कम ही करते हैं। उनके नुकीले और पेड़ों पर अपनी पकड़ बनाने लायक पंजे पेड़ के तने को आसानी से पकड़ने और आराम से ऊपर चढ़ने के लिए एक मजबूत पकड़ बनाते है जिससे वे आराम से पेड़ों पर चढ़ जाते हैं। जैसे-जैसे वे बूढ़े होते जाते हैं उनके शरीर का वजन बढ़ जाता है जिसके बाद वे पेड़ों पर नहीं चढ़ पाते हैं।
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2. टाइगर बिल्लियों की प्रजातियों में सबसे बड़े हैं।
भारत के जंगलों में पाई जाने वाली सभी बड़ी बिल्लियों की प्रजातियों में टाइगर सबसे बड़े और वजनी हैं। भारत का एक वयस्क नर बंगाल टाइगर लगभग 10 फीट लंबा और 250 किलोग्राम वजनी हो सकता है, जबकि एक वयस्क साइबेरियाई बाघ का वजन 320 किलोग्राम तक हो सकता है और उसकी लंबाई 11 फीट हो सकती है। 10 Unknown Facts About Tigers के इस लेख में यह दूसरा फैक्ट है।
अगर हम अफ्रीकी शेर की बात करें, जिसकी लंबाई 8 से 9.5 फीट और वजन 190 किलोग्राम तक हो सकता है, वह वास्तव में जंगलों में पाये जाने वाली दूसरी सबसे बड़ी बिल्ली की प्रजाति है, लेकिन वह टाइगर से छोटी है। हो सकता है आपने पहले ही सुना या पढ़ा हो कि रॉयल बंगाल टाइगर्स जंगली बिल्लियाों की सबसे बड़ी प्रजाति है, लेकिन क्या आप यह भी जानते हैं कि नर बंगाल टाइगर्स का वजन लगभग 300 किलोग्राम तक हो सकता है।
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3. बाघों को पानी बहुत ज्यादा पसंद है।
बाघों को पानी बहुत ही ज्यादा पसंद होता है। भारत में आप बाघों को अक्सर नदियों, झीलों, तालाबों और जलाशयों के किनारे आराम करते हुए देख सकते हैं। वे पानी के पास घंटों समय बिताते हैं। बाघों का एक बहुत बड़ा झुण्ड लंबे समय तक एक साथ पानी में आराम करने और तैरने का आनंद लेता है। मादा बाघों में पानी में तैरने और शिकार करने की अद्भुत क्षमता होती है। वे एक साथ दो कामों को बखूबी अंजाम देती हैं।
मादा बाघ ये शिकार करने की तकनीक छोटे शावकों को भी सिखाती हैं और उनकी सहायता भी करती हैं। कुछ वन्यजीव प्रेमियों का दावा ये भी है कि एक वयस्क टाइगर एक बार में कई किलोमीटर तक तैरने में सक्षम होते हैं। नॉर्मली एक व्यक्ति एक दिन में तीस किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम होता है परन्तु ये प्रकृति की देन है कि बाघों में तैराकी की अद्भुत क्षमता होती है और वे ज्यादा दुरी तक तैर सकते हैं।
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4. बाघों की सूंघने की अद्भुत शक्ति
बाघों में सूँघने की अद्भुत क्षमता होती है। बाघ पेड़ों, कूड़े के ढेर, अन्य जानवरों के पंजों और अन्य जीवों के अवशेषों से गंध को पहचानने में अधिक सक्षम हैं। वे अपनी नाक, होंठ और अपनी जीभ से सुगंध को खींचते हैं। यह बाघ को अन्य जीवों की मौजूदगी, ख़तरनाक जीव या उसके ग्रुप की उपस्थिति को बताता है। 10 Unknown Facts About Tigers के इस लेख में यहचौथा फैक्ट है।
5. बाघ की रात में देखने की क्षमता
बाघ की रात में देखने की क्षमता सामान्य मनुष्य से 5-6 गुना बेहतर होती है। एक बाघ और अन्य रात्रिचर जानवरों के रेटिना के पीछे tapetum lucidum नामक रिफ्लेक्टिव टिश्यू की एक परत होती है, जो आंखों पर प्रकाश के पड़ने पर प्रकाश को रिफ्लेक्ट कर देती है। इस tapetum lucidum टिश्यू के कारण ही बाघों की रात में देखने की क्षमता 5-6 गुना बेहतर होती है।
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6. बाघ अलग-अलग आवाजें निकाल सकते हैं।
बाघ बहुत ही भाग्यशाली होते हैं क्यूकि वे कई प्रकार की अनोखी आवाज़ निकाल सकते हैं। वे इस प्रकार से आवाजें निकाल कर यह बताने की कोशिश करते हैं कि वे कैसा महसूस कर रहे हैं, कितने परेशान हैं और कितने आक्रामक हैं। बाघों में कम फ्रेक्वेंसी वाली और अल्ट्रासोनिक साउंड्स को सुनने की अद्भुत क्षमता होती है।
किसी भी प्रकार की आवाज़ों को सुनने के लिए ये सिर्फ अपने कान घुमा लेते हैं। जंगल सफारी के समय, हम इनकी कई आवाजें सुन सकते हैं जैसे तेज दहाड़, शावक को बुलाने की आवाज़, कराहना, गुर्राना इत्यादि।
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7. बाघ इंसानों को अवॉयड करते हैं।
बाघ एक शर्मीला जीव होता हैं और ज्यादा समय एकान्त में बिताता है। जब तक उन्हें कोई परेशान नहीं करता या उनके शावकों के ऊपर कोई खतरा ना हों, तो वे लोगों से दूर रहना पसंद करते हैं। परन्तु जब उनको परेशान किया जाता है, वे घायल हो जाते हैं या लंबे समय तक भूखे रहते हैं तो वे आदमखोर बन जाते हैं।
एक आदमखोर टाइगर का स्वभाव बहुत ही ख़तरनाक हो जाता है और वह लोगों के लिए एक खतरा बन जाता है। 10 Unknown Facts About Tigers के इस लेख में यह सातवाँ फैक्ट है।
8. बाघ घात लगाकर हमला करते हैं।
बाघ अपने आप को अपने वातावरण में छिपाना पसंद करते हैं और शिकार करने से पहले अपने लाभ के लिए हवा की दिशा का उपयोग करते हैं। उनके शरीर पर बनी धारियाँ उन्हें बाँस की झाड़ियों, लंबी घास और झाड़ियों में छिपने में मदद करती हैं जिससे वे अपने शिकार के करीब आसानी से पहुँच सकते हैं।
बाघ बहुत ही चतुराई से घात लगाकर अपना शिकार करते हैं, जिससे उनके शिकार को बचने का कोई मौका नहीं मिलता है। इसीलिए बाघों का एक फेमस नाम, “Ambush Hunters” भी है।
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9. बाघ प्रत्येक दिन 18 से 20 घंटे सोते हैं।
वे झपकी के लिए ठंडी जगहों का चुनाव करते हैं। चूँकि बाघों को पानी पसंद होता है, इसलिए वे घने जंगलों, चट्टानों के बीच, गुफाओं के अंदर और कभी-कभी नरम, रेतीले या कीचड़ भरे रास्ते में भी सोना पसंद करते हैं। बिना डिस्टर्बेंस के, वे अपने आस-पास के क्षेत्र में कहीं भी सो सकते हैं।
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10. बाघ एकान्तवासी जीव है।
जंगल में, बाघ अकेले रहना पसंद करते हैं। एक बाघ अपने शावकों को पालने और उनके बड़ा होने के समय एक-दूसरे के साथ बहुत कम समय बिताता हैं। यह प्राकृतिक व्यवहार बाघ के शावकों में शुरू से ही विकसित होता है, क्योंकि एक शावक 8 से 10 महीने के अंदर ही अपने भाई-बहनों पर ध्यान देने लगता है।
जैसे-जैसे वे बड़े होते जाते हैं, बाघों के शावक एक-दूसरे से दूर रहना शुरू कर देते हैं। वन्यजीव प्रेमियों की माने तो यह सही है, बाघों को एकांत में रहने वाला जीव माना जाता है।
यह लेख लेखक के खुद के विचार हैं। किसी भी प्रकार की आपत्ति होने पर हमें contact us पेज से संपर्क करें।
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Facts About World’s Largest Antarctica Desert: दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान से जुड़े कुछ अद्भुत रहस्य।
Facts About World’s Largest Antarctica Desert: क्या आपको पता है कि अंटार्कटिका जिसे आमतौर पर बर्फ की भूमि के नाम से जाना जाता है वह वास्तव में एक विशाल रेगिस्तान है।
जी हां, आपने सही सुना अंटार्कटिका दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है जिसमें कई अद्भुत और अनोखे तथ्य छुपे हैं। आज हम आपको दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान अंटार्कटिका से जुड़े 5 अद्भुत रहस्य बताएंगे जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
Facts About World’s Largest Antarctica Desert: दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान, अंटार्कटिका से जुड़े 5 अद्भुत रहस्य
1.दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान
अंटार्कटिका रेगिस्तान को आमतौर पर बर्फ की वजह से केवल एक बर्फीला क्षेत्र माना जाता है, लेकिन असल में यह दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है। रेगिस्तान की परिभाषा के अनुसार, यह एक ऐसा क्षेत्र होता है जहां बहुत कम बारिश होती है।
अंटार्कटिका में साल भर में केवल 200 मिमी से भी कम बारिश होती है, जिससे यह धरती का सबसे सूखा स्थान बन जाता है।
2.सबसे ठंडा स्थान
अंटार्कटिका रेगिस्तान धरती का सबसे ठंडा स्थान है। यहां अब तक का सबसे कम तापमान माइनस 128.6 डिग्री फारेनहाइट (माइनस 89.2 डिग्री सेल्सियस) दर्ज किया गया है, जो 21 जुलाई 1983 को वॉस्टोक स्टेशन पर मापा गया था।
इतनी कड़कड़ाती ठंड में जीवन का अस्तित्व मुश्किल हो जाता है, फिर भी कुछ विशेष जीव-जंतु और वनस्पतियाँ यहां जीवित रह पाती हैं।
3.अनोखी झीलें
अंटार्कटिका में कई अनोखी झीलें हैं, जो बर्फ के नीचे छिपी हुई हैं। सबसे प्रसिद्ध झीलों में से एक वॉस्टोक झील है, जो लगभग 4 किलोमीटर बर्फ की परत के नीचे स्थित है।
यह झील हजारों सालों से अलग-थलग है और वैज्ञानिकों का मानना है कि इसमें अनोखे और प्राचीन जीवों का अस्तित्व हो सकता है, जो दुनिया के अन्य हिस्सों में नहीं पाए जाते।
4.सक्रिय ज्वालामुखी
अंटार्कटिका बर्फ से ढका हुआ है, लेकिन यहां पर सक्रिय ज्वालामुखी भी हैं। सबसे प्रसिद्ध ज्वालामुखी माउंट एरेबस है, जो दुनिया का सबसे दक्षिणी सक्रिय ज्वालामुखी है। माउंट एरेबस में एक लावा झील भी है, जो इसको और भी रोमांचक बनाती है।
5.अद्वितीय जीव-जंतु
अंटार्कटिका रेगिस्तान में कई अद्वितीय जीव-जंतु पाए जाते हैं, जो कठोर परिस्थितियों में भी जीवित रहते हैं। यहां की सबसे प्रसिद्ध प्रजातियों में से एक है अडेली पेंगुइन, जो ठंड और बर्फीली हवाओं में भी जीवित रहने की क्षमता रखती है। इसके अलावा, वाडेल सील और अंटार्कटिक क्रिल भी यहां के महत्वपूर्ण जीव हैं, जो समुद्री जीवन का हिस्सा हैं।
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7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: जानिए नवरात्रि के छठे दिन पूजी जाने वाली मां कात्यायनी के रूप से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।
7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: आज नवरात्रि का छठा दिन है और आज देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। आपको बता दे देवी कात्यायनी नवदुर्गा के छठे स्वरूप में पूजनीय है। मान्यता के अनुसार मां दुर्गा ने यह रूप अपने परम भक्त ऋषि कात्यायन के लिए धारण किया था।
मां दुर्गा का छठा अवतार मानी जाने वाली माता कात्यायनी अत्यंत दिव्य और बलशाली मानी जाती है। आज हम आपको नवदुर्गा के छठे रूप देवी कात्यायनी के बारे में सात रोचक तथ्य बताएंगे, जो आपको माता कात्यायनी के महिमा से परिचित कराएंगे।
7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: मां कात्यायनी के रूप से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
1.माता कात्यायनी की उत्पत्ति
पौराणिक कथाओं के अनुसार माता कात्यायनी देवी दुर्गा के छठे रूप में पूजी जाती हैं। कहां जाता है माता कात्यायनी का जन्म ऋषि कात्यायन के तप से हुआ था।
ऋषि कात्यायन ने उन्हें अपनी पुत्री के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था तब देवी ने ऋषि कात्यायन के यहां जन्म लिया था। कहा जाता है की देवी का नाम ऋषि कात्यायन के यहां जन्म लेने से उनका नाम देवी कात्यायनी पड़ा।
2.माता कात्यायनी का रूप
माता कात्यायनी चारभुजा वाली देवी है जिनका स्वरूप अत्यंत दिव्य और प्रभावशाली है। उनकी चार भुजाएं हैं जो शक्ति और संकल्प का प्रतीक मानी जाती हैं। इन चारभुजा में माता कात्यायनी तलवार, कमल, अभयमुद्रा और वरमुद्रा को धारण करती हैं।
देवी कात्यायनी द्वारा उनके चारों भुजाओं में धारण किए गए वस्तुओं का महत्व कुछ इस प्रकार से है-
तलवार- मां कात्यायनी की एक भुजा में तलवार होती है जो बुराई और अधर्म को नाश करने वाली है। तलवार देवी कात्यायनी के शक्ति और साहस का प्रतीक है।
कमल- माता कात्यायनी अपनी दूसरी भुजा में कमल धारण करती है जो उनकी कोमलता और दिव्यता को दर्शाता है और यह शांति और पवित्रता का प्रतीक है।
अभयमुद्रा- देवी कात्यायनी की तीसरी भुजा में अभय मुद्रा होती है जिससे मां कात्यानी अपने भक्तों को हर प्रकार के डर और संकट से मुक्त करती हैं। अभय मुद्रा सुरक्षा और निडरता का प्रतीक माना जाता है।
वरमुद्रा- चौथी भुजा में माता कात्यायनी वर मुद्रा को धारण करती हैं जिससे वे भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण करने का आशीर्वाद देती है और ये मां की दयालुता और करुणा का प्रतीक है।
3.महिषासुर मर्दिनी
देवी कात्यायनी को महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने महिषासुर राक्षस का वध करने के लिए ऋषि कात्यायन की पुत्री के रूप में जन्म लिया था।
कथाओं के अनुसार माता कात्यायनी ने महिषासुर राक्षस का वध करके देवताओं को संकट से मुक्त किया था इसलिए उन्हें महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है।
4.नवदुर्गा का छठा अवतार।
मां कात्यायनी को नवदुर्गा का छठा अवतार माना जाता है और नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है जिसका नवरात्रि के दिनों में बहुत ही विशेष महत्व होता है।
मां कात्यायनी को नवदुर्गा का अत्यंत दिव्य और बलशाली रूप माना जाता है जो नवदुर्गा के नौ रूपों के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करती हैं।
5.ऋषि कन्या
देवी कात्यानी को ऋषि कन्या के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि उन्होंने ऋषि कात्यायन के पुत्री के रूप में जन्म लिया था। कहा जाता है की मां कात्यायनी की पूजा करने से अविवाहित कन्याओं को योग्यवर मिलता है इसलिए नवरात्रि में मां कात्यायनी की पूजा का विशेष महत्व होता है।
6.वेदों और शास्त्रों में उल्लेख।
माना जाता है की देवी कात्यायनी का उल्लेख प्राचीन हिंदू शास्त्रों जैसे वेदों और पुराणों में किया गया है। मान्यताओं के अनुसार मार्कंडेय पुराण के देवी के महात्म्य खंड में देवी कात्यानी द्वारा दुष्ट राक्षसों का वध करने का वर्णन सामने आता है।
7.मंत्र और पूजा।
देवी कात्यायनी नवदुर्गा के साहस और दिव्यता का प्रतीक मानी जाती हैं जिनकी पूजा नवरात्रि के दिनों में बहुत विशेष महत्व रखता है।
भक्तगण यदि नवरात्रि के छठे दिन में माता कात्यायनी के बलशाली मंत्र “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः” का जाप करते हैं तो उन्हें माता कात्यायनी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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